बिजनेस कमर्शियल, इंडस्ट्रियल, प्रोफेशनल और इकनोमिक गतिविधियों का केंद्र है, जिसमे किसी वस्तु या सेवा को ग्राहकों के लिए उपलब्ध कराया जाता है और उसके बदले में आर्थिक लेन-देन की प्रक्रिया को पूरा किया जाता है। बिजनेस की शुरुआत करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ना बहुत जरुरी है। इसलिए नए एंटरप्रेन्योर को इस क्षेत्र की बेहतर जानकारी होना जरुरी है। इस आर्टिकल में हम Business Kaise kare टॉपिक को कवर करने जा रहे है। इसके जरिये आपको जानकारी होगी कि खुद का बिजनेस कैसे शुरू करें, इंडस्ट्री का चुनाव कैसे करें, प्रोडक्ट कैसे तय करें, कंपनी का स्वरूप और रजिस्ट्रेशन कैसे करें, बिजनेस वित्तीय प्रबंधन और मार्केटिंग कैसे करें।
बिजनेस कैसे शुरू करें? 8 जरुरी सुझाव
किसी भी बिजनेस की शुरुआत एक सटीक योजना बना कर की जाती है। बिजनेस करना एक बहुत मेहनत का काम है और हर कोई इसे करने में सफल नहीं होता। कई लोग घर बैठे भी बिजनेस करते है और कुछ लोग ऑनलाइन बिजनेस करके पैसा कमाते है। एक अच्छे बिजनेस प्लान में निवेश ,मार्किट रिसर्च, फ्यूचर गोल, लाइसेंस, मार्केटिंग आदि के बारे में विस्तार से जानकारी होती है। अगर आप योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ते है तो बिजनेस में आने वाली किसी भी प्रकार की समस्या से निपट सकते है, इसलिए बिजनेस की शुरुआत करने से पहले आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना बहुत जरुरी है जिनके बारे में इस आर्टिकल में आगे विस्तार से जानकारी दी गयी है।
1. बिजनेस इंडस्ट्री और सेक्टर का चुनाव
किसी भी व्यवसाय के मालिक के लिए यह फैसला लेना सबसे कठिन होता है कि किस किस प्रकार की इंडस्ट्री या सेक्टर का चुनाव किया जाए। जब भी आप इस बारे फैसला ले तो आपको इन बातों बातों पर गौर करना चाहिए।
- क्या आप नए मार्किट और ट्रेंड की तलाश कर रहे है ?
- क्या आपने कोई ऐसी स्किल हासिल की है जिसे आप किसी भी इंडस्ट्री और सेक्टर में इस्तेमाल कर सके?
- क्या आपके पास अपने पसंदीदा बिजनेस इंडस्ट्री लिए उचित फंड के विकल्प मौजूद है?
अगर आप अपने बिजनेस एरिया से संतुष्ट नहीं है तो अन्य लोगों से आप इसकी उम्मीद नहीं कर सकते । नए बिजनेस आईडिया पर काम करना मुश्किल और जोखिम भरा होता है, पहले से चले आ रहे बिजनेस को योजना बना कर चलाने में थोड़ी आसानी होती है।
बिजनेस के लिए कुछ प्रमुख इंडस्ट्री और सेक्टर्स इस प्रकार है।
- मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर,
- सर्विस सेक्टर,
- कॉमर्स एंड ट्रेडिंग,
- कॉन्ट्रैक्ट वर्क
2. एक सही प्रोडक्ट का चुनाव
बिजनेस करने के लिए एक अच्छे प्रोडक्ट का चुनाव करना चाहिए। प्रोडक्ट को चुनते समय मार्केट में उस प्रोडक्ट की अच्छे से रिसर्च करें, प्रोडक्ट के लाइफ साइकिल और शेल्फ लाइफ के बारे में जानकारी जुटाएं। इसके अलावा प्रोडक्ट निर्माण के लिए यह पता लगाए की उसका रॉ-मेटेरिअल कहाँ से प्राप्त किया जा सकता है। उसे बनाने में किस टेक्नोलॉजी और कितने वर्करों का इस्तेमाल होगा। प्रोडक्ट का चुनाव करते समय यह सुनिश्चित कर लें कि वह सरकारी नियम कानूनों के उलंघन आदि का कारण ना बने।
3. बिजनेस की लोकेशन का चुनाव
बिजनेस करने की लिए एक सही लोकेशन मुख्य भूमिका निभाती है। लोकेशन को इस तरह चुना जाना चाहिए कि यदि भविष्य में बिजनेस में विस्तार भी किया जाए तो बिजनेस लोकेशन पर कोई प्रभाव ना पड़े। एक अच्छी लोकेशन वह होती है जहां आसानी से रॉ-मेटेरिअल उपलब्ध हो सकता है? इसके अलावा उसके आसपास बेचने के लिए मार्किट हो, ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था अच्छी हो, पॉवर सप्लाई की कोई दिक्कत ना हो। सरकारी कानूनों की दायरे में हो, रेंट कम हो।
4. मार्किट रिसर्च करें
किसी भी बिजनेस के लिए मार्किट रिसर्च करना उस बिजनेस का एक बहुत जरुरी भाग है। मार्किट रिसर्च के जरिये टारगेट मार्किट और कस्टमर की बारे में जानकारी हासिल की जाती है ।रिसर्च के जरिये मार्किट की जरूरतों, मार्किट का साइज़ और कॉम्पीटीटर के बारे में मुल्यांकन करने में मदद मिलती है।
मार्किट रिसर्च के दो प्रकार :
- प्राइमरी रिसर्च : यह एक ऐसी रिसर्च होती है जिसमे डायरेक्ट और इनडायरेक्ट तरीके से एजेंटों के माध्यम से मार्किट का डाटा इकठ्ठा किया जाता है। प्राइमरी रिसर्च करने के लिए कम्पनियां सर्च इंजन के द्वारा कॉम्पीटीटर तलाशती है, कॉम्पीटीटर के इंटरव्यू लेती हैं। इसके अलावा ग्राहकों की पसंद और उनकी जियोग्राफिक लोकेशन का मुल्यांकन भी करती है।
- सेकंड्री रिसर्च : इस रिसर्च प्रोसेस में किसी दुसरे आर्गेनाइजेशन द्वारा रिसर्च किये गए डेटा को इस्तेमाल में लिया जा सकता है। यह डेटा सरकारी सोर्स, ट्रेड एसोसिएशन रिपोर्ट या शोध के जरिये तैयार किया गया होता है जिसमे मार्किट, जनगणना और उपभोक्ता से जुड़ी जानकरी होती है। इसके अलावा मार्किट रिसर्च के लिए कई ऑनलाइन सोर्स भी उपलब्ध है।
मार्किट रिसर्च के लिए तकनीक :
- Qualitative Techniques: इस तकनीक में एक व्यवस्थित तरीकें से टारगेट ऑडियंस से बिजनेस के बारे में जरुरी प्रश्न पूछे जाते है, उनसे सर्वे किया जाता है। इन जवाबों के आधार पर बिजनेस की प्लानिंग कर सकते है या अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेज में सुधार ला सकते है।
- Quantitative Techniques इस तकनीक में आप अपने कस्टमर से बिजनेस के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते है। इसमें ऑनलाइन फोरम, इंटरव्यू, केस स्टडी, बायोमेट्रिक, सर्वे जैसे तरीकों का इस्तेमाल करके आप मार्किट रिसर्च करते है।
5. बिजनेस का सही स्वरूप चुने
बिजनेस शुरू करते समय, आपको यह तय करना होगा कि कंपनी का का स्वरूप किस प्रकार का रखा जाए। कंपनी के स्वरूप का चुनाव करना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उसके नियंत्रण, जोखिम, जिम्मेदारी के साथ-साथ लाभ और हानि को निर्धारित करने का काम करता है। बिजनेस के कई प्रकार के स्वरूप होते है जिसे कम्पनियां अपने बिजनेस एक्टिविटी और इंडस्ट्री के अनुसार तय करती है। नीचे उन स्वरूपों के बारे में जानकारी है।
- सोल प्रोपराइटरशिप – सिर्फ एक ही मालिक के नियंत्रण में होती है।
- पार्टनरशिप फर्म – ये फर्में न्यूनतम दो व्यक्तियों के सहयोग से स्थापित होती है
- लिमटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप – इसे ऐसी कंपनी के तौर पर वैधता दी जाती है जिसमे कमसे कम 2 मालिक जरुरी है।
- प्राइवेट लिमिटेड कंपनी – इसे भी ऐसी कंपनी के रूप में रजिस्टर किया जा सकता है जिसमे न्यूनतम २ सदस्य जरुरी है और सदस्यों की अधिकतम संख्या 50 है।
- पब्लिक लिमिटेड कंपनी – इस प्रकार की कंपनी को रजिस्टर कराने के लिए न्यूनतम 7 व्यक्ति होने जरुरी है लेकिन इसके अधिकतम सदस्यों की कोई सीमा नहीं है।
- HUF – इस प्रकार के बिजनेस स्वरूप में केवल एक ही परिवार के सदस्य मिलकर कंपनी को स्थापित कर सकते है।
- को-ऑपरेटिव – यह स्वरूप एक वालेंट्री एसोसिएशन कंपनी का है जिसमे न्यूनतम 10 और उससे ज्यादा सदस्य होते है।
- सोसाइटीज – यह कम्पनियां आर्थिक लाभ कमाने के उदेश्य से स्थापित नहीं होती बल्कि समाज में सेवाएँ प्रदान करना होता है।
6. कंपनी का एक अच्छा बिजनेस प्लान बनाये।
बिजनेस प्लान एक ऐसा दस्तावेज होता है जिसमे यह जानकारी उपलब्ध होती है कि कोई भी नया और पहले से स्थापित बिजनेस भविष्य में अपने गोल कैसे पूरे करेगा। बिजनेस प्लान के अन्दर मार्केटिंग, फिनांशियल और ऑपरेशनल से जुड़ी सारी जानकारियाँ शामिल होती है। एक बिजनेस एक्टिविटी में बहुत सारे पैसे की आवश्यकता पड़ती है इसलिए अच्छा बिजनेस प्लान बना कर आप बिजनेस के फालतू खर्चों को कम कर सकते है। सभी उद्यमियों को अपने व्यवसाय की योजना खुद तैयार करनी चाहिए जिससे कि भविष्य में किसी समस्या के समयवह अपने विवेक से जरुरी फैसला ले सके।
बिजनेस प्लान में क्या जानकारी शामिल करें।
- कंपनी मैनेजमेंट की प्रोफाइल– कंपनी के मुख्य कर्मचारियों की जानकारी दें, उनकी क्वालिफिकेशन, और एक्सपीरियंस की जानकारी भी शामिल करें
- बिजनेस एक्टिविटी की विस्तार से जानकारी– आप किस प्रकार की इंडस्ट्री से जुड़ा बिजनेस कर रहे है उसके बारे में विस्तार से जानकारी दें।
- उदेश्य– अपने बिजनेस का एक लक्ष्य निर्धारित करें, एक शोर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म उदेश्य तय करें यह आपको आगे बढ़ने में प्रेरित करेगा।
- वित्तीय जरूरतें-अपने बिजनेस में इस्तेमाल होने वाले हर एक उपकरण, वर्कफोर्स और अन्य खर्चों की जानकारी विस्तार से लिखें ताकि वित्तीय समाधान निकालने में आपको आसानी रहे।
- पूँजी का वितरण: अपने बिजनेस की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अलग-अलग काम के लिए फंड का बराबर वितरण।
- बाजार मुल्यांकन : अपने बिजनेस से जुड़े मार्किट की गहरी रिसर्च करें उसके अनुसार बिजनेस की ग्रोथ और प्रोडक्ट के सुधार पर काम करें इससे निवेशक आपके बिजनेस की और आकर्षित होंगे।
- मार्केटिंग – अपनी बिजनेस के अंतर्गत वस्तुओं और सेवाओं को सही ग्राहकों तक पहुँचाने के लिए मार्केटिंग को अपनाए। अपनी प्रोडक्ट की टारगेट ऑडियंस के अनुसार एडवरटायजमेंट, प्रमोशन और ब्रांडिंग इस्तेमाल करें।
- बिक्री का अनुमान लगाये:अपने बिजनेस और प्रोडक्ट से संबंधित मार्किट के साइज़, मार्किट शेयर और कीमतों के उतर चढ़ाव को ध्यन में रखते हुए बिक्री अनुमान लगाये।
- बिजनेस की वित्तीय स्तिथि का अनुमान : बिजनेस शुरू करने से पहले ही मार्किट को अच्छे से समझ कर पहले ही उसके लाभ और हानि का एक कच्चा अनुमान लगाए
- ह्युमन रिसोर्स – अपने बिजनेस के लिए तय करें कि आपको कितनी वर्कफोर्स की जरुरत होगी। अपने बिजनेस के उदेश्यों को पूरा करने के लिए आपको किस स्किल के प्रोफेशनल की जरुरत पड़ेगी। कंपनी में काम करने वाले सभी कर्मचारियों को उनकी योग्यता और पद के अनुसार श्रेणी तैयार करें।
- बिजनेस के जोखिमों की जानकारी – एक बिजनेस प्लान में भविष्य में होने वाले संभावित जोखिमों के बारे में जानकारी देने का प्रयास करें ऐसा करने से आपके निवेशक निवेश करने से पहले संभावित जोखिमों को पहचान सकेंगे। ये जोखिम आगे चल कर विवाद का कारण बनते है इसलिए कानूनी रूप से सुरक्षित रहने के लिए यह जरुरी है।
7. इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करें
अपने बिजनेस को शुरू करने के लिए एक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना बहुत जरूरी है, इसके लिए आपको निम्नलिखित काम करने जरुरी है।
- बिजनेस शुरू करने के लिए जमीन की तलाश करना या किसी बिल्डिंग में इसे शुरू करना सबसे पहला चरण है। अगर आप जमीन पर बिजनेस के लिए निर्माण करवा रहे है तो सम्बंधित अथॉरिटी से परमिशन लेकर एक सुरक्षित नक़्शे के हिसाब से बिल्डिंग का निर्माण करें इसके अलावा आप पहले से बनी किसी बिल्डिंग में बिजनेस शुरू करने के लिए प्रॉपर्टी खरीद सकते है या रेंट पर ले सकते है।
- आपका बिजनेस ऐसी लोकेशन पर हो जहां से ट्रांसपोर्टेशन में कोई समस्या ना आये ट्रेन और रोड मार्ग का इस्तेमाल आसानी से किया जा सके।
- बिजली और पानी की अच्छी सप्लाई हो और बिजनेस एक्टिविटी में इनके इस्तेमाल के लिए अच्छा प्रबंध किया जाना चाहिए।
- बिजनेस की ग्रोथ के लिए एक अच्छी टेलिकॉम व्यवस्था और आईटी उपकरण एवं इनकी इन्टरनेट कनेक्टिविटी का प्रबंध हो।
- बिजनेस लोकेशन में सुरक्षा का ध्यान रखा जाना जरुरी, फायर उपकरणों को लगवाएं, इंश्योरेंस करवाएं।
8. अपने बिजनेस का वित्तीय प्रबंध कैसे करें?
किसी भी व्यवसायिक गतिविधि के लिए पूँजी की जरुरत सबसे अहम है। सभी नए उद्यमियों को अपने बिजनेस प्लान में बिजनेस में होने वाले वित्तीय खर्चों का अनुमान पहले से ही लगा लेना चाहिए। बैंक, वित्तीय संस्थान, एनबीएफसी, माइक्रो फाइनेंस कम्पनियां बिजनेस की विभिन्न जरूरतों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है इसके अलावा बैंकों के द्वारा भी MSME सेक्टर्स के लिए कई स्कीम चलाई जाती है।
अपनी जमा पूँजी का इस्तेमाल
बिजनेस में निवेश करने के लिए जमा पोंजी का इस्तेमाल करना बहुत ही अच्छा विकल्प है क्योंकि ऐसा करने से आप वित्तीय रूप से स्वतंत्र रहते है और आपका पूरा फोकस बिजनेस के ऊपर होता है।
दोस्तों और रिश्तेदारों से फंड जुटाएं
अगर आपका बिजनेस प्लान आपके करीबियों को पसंद आता है और वह आपके बिजनेस में निवेश करने के लिए तैयार है तो आपको इन मददगारों से फंड ले प्राप्त करना चाहिए।
कमर्शियल बैंक से लोन
आप कमर्शियल बैंकों के द्वारा टर्म लोन के तौर पर फंड की व्यवस्था कर सकते है। कमर्शियल बैंक किसी संपत्ति को गिरवी रख कर सिक्योर लोन उपलब्ध करवाता है।
क्राउडफंडिंग
बिजनेस के लिए फंड जुटाने के लिए आप इस तरीके का भी इस्तेमाल कर सकते है। इसमें एक बड़ी संख्यां में लोगों के द्वारा छोटी-छोटी रकम आपके बिजनेस में इन्वेस्ट की जाती है, लोगों द्वारा किये गए निवेश के बदले आप उन्हें कुछ रिवार्ड और इंसेंटिव प्रदान करते है।
ट्रेड क्रेडिट के द्वारा
आप अपने सप्लायर के द्वारा अपने बिजनेस में इस्तेमाल होने वाले वस्तुओं को क्रेडिट के रूप में ले सकते है जिसका भुगतान आप बादमे कर सकते है।
निवेशकों के द्वारा फंड
निवेशकों के द्वारा भी आप अपने बिजनेस के लिए फंड का इंतजाम कर सकते है। निवेशक आपके बिजनेस आईडिया के आधार पार आपके बिजनेस में इन्वेस्ट करेगा और इसके साथ ही वह आपसे आपकी कम्पनी का कुछ शेयर या इक्विटी ले सकता है।
इनक्यूबेटर और एक्सेलेरेटर द्वारा मदद
अपने बिजनेस को बढ़ाने और वित्तीय लागतों का बेहतर उपयोग करने के लिए इस तरीके आ इस्तेमाल करें। इनक्यूबेटर और एक्सेलेरेटर आपके बिजनेस की कुछ प्रतिशत इक्विटी लेकर आपके बिजनेस में मदद करेंगे। ये आपके नेटवर्क में विस्तार करेंगे, आपको मेंटरशिप देंगे और जरुरी रिसोर्स प्रदान करेंगे।
स्माल फाइनेंस कम्पनियों से लोन
आप अपने बिजनेस को बढ़ने के लिए स्माल फाइनेंस कम्पनियों के द्वारा बिजनेस लोन और वर्किंग कैपिटल भी प्राप्त कर सकते है। ऐसी फाइनेंस कंपनियां विभिन्न वित्तीय संगठनों के माध्यम से आपको बहुत ही कम ब्याज दरों पर लोन उपलब्ध करवा सकती है।
Conclusion
बिजनेस शुरू करने से पहले, आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों पर विचार करना चाहिए। सबसे पहले, आपको यह तय करना होगा कि आप क्या बेचना या सेवाएं प्रदान करना चाहते हैं। इसके बाद, आपको अपने मार्किट की रिसर्च करनी होगी और यह पता लगाना होगा कि आपके ग्राहक कौन हैं और उनकी क्या जरूरतें हैं।
एक बार जब आप अपने बिजनेस के बारे में तय कर लेंगे की आप क्या करना चाहते हैं, तो आपको एक बिजनेस प्लान बनाना होगा जिससे आपको वित्तीय सहायता मिलने में मदद होगी। इसके बाद आपको अपने बिजनेस को पंजीकृत करना होगा। एक अच्छी जगह का चुनाव करना होगा, अपने ग्राहकों तक पहुंचने के लिए मार्केटिंग और बिक्री गतिविधियों को शुरू करना होगा इसके साथ ही आपको अपने बिजनेस में पैसा लगाने के लिए फंड जुटाने के विकल्पों का इस्तेमाल करना पड़ेगा।
FAQ:
Q.1 बिजनेस का चुनाव कैसे करें?
बिजनेस का चुनाव करने के लिए आप पता लगाये कि आपकी पसंद का बिजनेस कौन सा है। मुख्य तौर पर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, सर्विस सेक्टर, कॉमर्स एंड ट्रेडिंग, कॉन्ट्रैक्ट वर्क ये चार क्षेत्र है जिनमे आप अपने बिजनेस का चुनाव कर सकते है। इसके बाद उन सब पसंदीदा बिजनेस की लिस्ट बना ले। इन बिजनेस को शुरू करने और मार्किट में इनकी स्थिथि के बारे में जानकारी हासिल करें। जिस भी प्रकार के बिजनेस का चुनाव करें उससे जुड़ी स्किल या एजुकेशनल नॉलेज को हासिल करें।
Q.2 छोटा व्यापार कैसे शुरू करें?
छोटा व्यापार शुरू करने के लिए आप ऐसा बिजनेस चुने जिसमे प्रोडक्ट को तैयार करने वाली मशीन की कीमत काम लागत में मिल जाए। इसके अलावा प्रोडक्ट ऐसा हो जिसे 2-3 व्यक्ति मिलकर भी आसानी से तैयार कर सके। अगरबत्ती बिजनेस, मोमबत्ती बिजनेस, चिप्स बनाने का बिजनेस छोटे व्यापार के उदाहरण है जिन्हें कम लागत में किया जा सकता है। बिजनेस शुरू करने के लिए सरकारी योजना के माध्यम से मिल रहे लोन का भी लाभ ले सकते है।
Q.3 एक साल की व्यापार योजना क्या है?
एक साल की व्यापार योजाना वह है जिसमे एक कम्पनी के द्वारा आने वाले एक वर्ष के लिए गोल निर्धारित किये जाते है। उसमे कम्पनी में इस्तेमाल होने वाले सभी प्रकार के खर्चे और कर्मचारियों के द्वारा किये जाने वाले कार्यों की जिम्मेदारी होती है। इस योजना को अपना कर बिजनेस अपने निर्धारित किये गए गोल को सफलता से प्राप्त कर सकती है।
Q.4 मुझे अपना व्यवसाय कब शुरू करना चाहिए?
आपको अपना व्यवसाय केवल तभी शुरू करना चाहिए जब आप उस व्यवसाय के बारे में पूरी तरह से जानकारी रखते हो इसके अलावा आपके पास व्यापार को चलाने के लिए पर्याप्त पैसों का प्रबंध हो साथ ही बिजनेस में होने वाले हर प्रकार के फैसलें को बिजनेस प्लान में शामिल किया हो।
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